बिहार सरकार ने राज्य के बेरोजगार स्नातक युवाओं को आर्थिक सहायता देने के लिए “मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना” की घोषणा की है। इस योजना के तहत योग्य युवाओं को ₹1000 मासिक भत्ता प्रदान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना का शुभारंभ किया। योजना का उद्देश्य युवाओं को रोजगार की दिशा में सहायता प्रदान करना और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है।
🟢 योजना का उद्देश्य
- आर्थिक सहायता प्रदान करना
- बेरोजगार स्नातक युवाओं को मासिक ₹1000 भत्ता।
- युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करना
- प्रशिक्षण और स्किल डेवलपमेंट के माध्यम से युवाओं की रोजगार योग्यताओं में सुधार।
- सामाजिक सशक्तिकरण
- युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और समाज में उनका सम्मान बढ़ाने के लिए आर्थिक सहायता।
- राज्य में बेरोजगारी कम करना
- युवाओं को स्वरोजगार और स्वयं सहायता की दिशा में प्रोत्साहित करना।
🔵 योजना की विशेषताएँ
| पहलू | विवरण |
|---|---|
| लाभार्थी | बिहार के बेरोजगार स्नातक युवाओं और युवतियों |
| भत्ता राशि | ₹1000 प्रति माह |
| लाभार्थियों की संख्या | प्रारंभिक चरण में लगभग 5 लाख युवा लाभार्थी |
| अवधि | योजना लागू होने के बाद 1 वर्ष, आवश्यकता अनुसार बढ़ाई जा सकती है |
| आवेदन माध्यम | ऑनलाइन पोर्टल और जिला रोजगार कार्यालय |
| लाभ वितरण | सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर |
🟡 योजना का इतिहास
- 2019: प्रारंभिक चर्चा और योजना की रूपरेखा तय की गई।
- 2020: योजना की पायलट परियोजना लागू की गई।
- 2023: पूरे राज्य में लागू करने के लिए विस्तृत योजना तैयार।
- 2025: पूर्ण रूप से लागू, लाभार्थियों को भत्ता प्रदान करना शुरू।
🔷 पात्रता
- आयु: 21 से 35 वर्ष के बीच।
- शैक्षणिक योग्यता: किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक।
- आय सीमा: परिवार की वार्षिक आय ₹5 लाख से कम।
- स्थानीय निवासी: केवल बिहार के स्थायी निवासी।
- अन्य शर्तें: पहले किसी अन्य सरकार द्वारा संचालित भत्ता योजना का लाभ न लिया हो।
🔵 आवेदन प्रक्रिया
ऑनलाइन आवेदन
- आधिकारिक पोर्टल पर जाएँ: bihar.gov.in
- पंजीकरण करें: आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी दर्ज करें।
- आवेदन फॉर्म भरें: व्यक्तिगत विवरण, शिक्षा और आय प्रमाण जमा करें।
- सत्यापन: जिला रोजगार कार्यालय द्वारा ऑनलाइन और ऑफलाइन सत्यापन।
- भत्ता जारी: सत्यापन के बाद ₹1000 मासिक राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर।
ऑफलाइन आवेदन
- जिला रोजगार कार्यालय या ब्लॉक कार्यालय में आवेदन पत्र जमा करें।
- सभी आवश्यक दस्तावेजों की प्रतिलिपि संलग्न करें।
- आवेदन के सत्यापन के बाद भत्ता वितरण शुरू होगा।
🟢 योजना के लाभ
- आर्थिक लाभ
- बेरोजगार युवाओं को मासिक ₹1000 की राशि प्राप्त होगी।
- रोजगार योग्य बनाना
- प्रशिक्षण और स्किल डेवलपमेंट के माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
- स्वरोजगार प्रोत्साहन
- युवाओं को स्वरोजगार और छोटे व्यवसाय में निवेश के लिए प्रोत्साहित करना।
- सामाजिक सशक्तिकरण
- युवाओं में आत्मविश्वास और समाज में योगदान की भावना बढ़ेगी।
- राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार
- योजना से बेरोजगार युवाओं की संख्या कम होगी, जिससे राज्य में सामाजिक और आर्थिक स्थिरता बढ़ेगी।
🔷 योजना के प्रभाव
1. शहरी क्षेत्र
- युवाओं को छोटे व्यवसाय, स्टार्टअप और तकनीकी रोजगार के अवसर।
- कौशल और शिक्षा आधारित भत्ता के माध्यम से आत्मनिर्भरता।
2. ग्रामीण क्षेत्र
- स्वरोजगार के अवसर जैसे कृषि आधारित व्यवसाय, कुटीर उद्योग और हस्तशिल्प।
- महिलाओं के लिए विशेष लाभ, जिससे सामाजिक समानता बढ़े।
3. महिलाओं पर प्रभाव
- योजना से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में सहायता।
- ड्राइविंग, कंप्यूटर और तकनीकी प्रशिक्षण के माध्यम से रोजगार के अवसर।
🔵 विशेषज्ञों की राय
- डॉ. अरविंद मिश्रा, अर्थशास्त्री:
“मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना युवाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना बेरोजगारी को कम करने और स्वरोजगार को बढ़ावा देने में सहायक होगी।”
- रश्मि जैन, समाजशास्त्री:
“योजना से युवाओं में आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे समाज में सक्रिय योगदान देने में सक्षम होंगे। विशेषकर महिलाओं और ग्रामीण युवाओं के लिए यह योजना वरदान साबित होगी।”
🟡 योजना का भविष्य
- भत्ता राशि में वृद्धि की संभावना
- अगले साल ₹1500 मासिक भत्ता देने की योजना।
- ऑनलाइन पोर्टल का विकास
- आवेदन और भत्ता वितरण को डिजिटल प्लेटफार्म पर आसान बनाना।
- उद्यमिता प्रशिक्षण
- लाभार्थियों को स्वरोजगार और स्टार्टअप के लिए विशेष प्रशिक्षण।
- लक्ष्य वृद्धि
- अगले 5 वर्षों में 20 लाख युवाओं को योजना का लाभ देने का लक्ष्य।

मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना बिहार के बेरोजगार युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है बल्कि युवाओं को रोजगार, शिक्षा और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में प्रेरित करती है।
“जब युवा सशक्त होंगे, राज्य और देश दोनों प्रगति करेंगे।”